ताजा समाचार

वित्त मंत्री Nirmala Sitharaman ने Tulsi Gabbard को राष्ट्रीय खुफिया निदेशक नियुक्त होने पर दी बधाई, कहा – ‘आपने 21 साल तक अमेरिका की सेवा की’

भारत की केंद्रीय वित्त मंत्री Nirmala Sitharaman ने आज अमेरिका की पूर्व डेमोक्रेटिक पार्टी की सदस्य और सैन्य अधिकारी Tulsi Gabbard को राष्ट्रीय खुफिया निदेशक (DNI) के रूप में नियुक्त होने पर बधाई दी। 21 साल तक अमेरिकी सेना में सेवा देने वाली तुलसी गबार्ड अब अमेरिका के सबसे संवेदनशील खुफिया विभागों की देखरेख करेंगी।

सीतारमण ने ट्विटर (अब एक्स) पर अपनी बधाई पोस्ट करते हुए लिखा, “21 साल तक आपने अमेरिका की सेवा की और आर्मी रिजर्व में लेफ्टिनेंट कर्नल बने। मेरी तरफ से आपको ढेर सारी शुभकामनाएं।” वित्त मंत्री ने यह भी उल्लेख किया कि तुलसी गबार्ड के साथ उनकी बातचीत बेहद प्रेरणादायक रही, जिसे वह कभी नहीं भूल सकतीं।

तुलसी गबार्ड की राजनीतिक यात्रा

तुलसी गबार्ड ने एक लंबे और दिलचस्प राजनीतिक सफर का अनुसरण किया है। पहले डेमोक्रेटिक पार्टी की सदस्य होने के बावजूद, तुलसी ने 2020 में डोनाल्ड ट्रम्प के पुनर्निर्वाचन का समर्थन करने के लिए पार्टी बदल ली। अब, उनके पास 18 खुफिया एजेंसियों की समन्वय की जिम्मेदारी होगी। तुलसी गबार्ड पहले चार बार अमेरिकी कांग्रेस के लिए चुनाव लड़ चुकी हैं और 2020 में राष्ट्रपति चुनाव के लिए भी उम्मीदवार बनी थीं।

वित्त मंत्री Nirmala Sitharaman ने Tulsi Gabbard को राष्ट्रीय खुफिया निदेशक नियुक्त होने पर दी बधाई, कहा - 'आपने 21 साल तक अमेरिका की सेवा की'

गबार्ड की सैन्य सेवा का अनुभव भी काफी महत्वपूर्ण रहा है। उन्हें पश्चिम एशिया और अफ्रीका के संघर्षग्रस्त क्षेत्रों में तीन बार तैनाती का अवसर मिला है, जहां उन्होंने अपनी बहादुरी और रणनीतिक सोच का परिचय दिया। उनका यह अनुभव उनके नए पद के लिए भी महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।

Vizhinjam Port Inauguration: PM मोदी ने किया गौतम अडानी का जिक्र, क्या इससे विपक्ष को होगी कोई प्रतिक्रिया?
Vizhinjam Port Inauguration: PM मोदी ने किया गौतम अडानी का जिक्र, क्या इससे विपक्ष को होगी कोई प्रतिक्रिया?

तुलसी गबार्ड और रिपब्लिकन पार्टी का रुख

2022 में तुलसी गबार्ड ने डेमोक्रेटिक पार्टी छोड़कर रिपब्लिकन पार्टी में शामिल होने का निर्णय लिया। इसके बाद, डोनाल्ड ट्रम्प ने उन्हें अपनी प्रशासन में शामिल करने का फैसला किया और उन्हें राष्ट्रीय खुफिया निदेशक (DNI) नियुक्त किया। यह कदम अमेरिकी राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है, क्योंकि तुलसी ने जो राजनीतिक बदलाव अपनाया है, वह उनकी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय दृष्टिकोण को नया दिशा दे सकता है।

तुलसी गबार्ड की आलोचनाएँ और विवादास्पद बयान

तुलसी गबार्ड का राजनीतिक रुख हमेशा से विवादों से घिरा रहा है। उन्होंने कई बार अमेरिकी सैन्य हस्तक्षेप के खिलाफ अपनी आवाज उठाई है। उन्होंने यूक्रेन युद्ध के संदर्भ में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के विचारों का समर्थन किया और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की आलोचना की। इसके अलावा, गबार्ड ने सीरिया में गृह युद्ध के दौरान अमेरिकी सैन्य हस्तक्षेप के खिलाफ भी बात की थी। 2017 में, उन्होंने सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल-असद से मुलाकात की थी, जिसके कारण उन्हें कड़ी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा।

तुलसी का यह मानना है कि अमेरिका को अपनी समस्याओं को युद्ध के बजाय कूटनीतिक रास्ते से सुलझाना चाहिए, जो कि उनके कई विवादास्पद बयानों का कारण बन चुका है। इसके अलावा, उन्होंने यूक्रेन के समर्थन में अमेरिकी सरकार की नीति को भी आलोचना का शिकार बनाया है। इस प्रकार, उनके दृष्टिकोण से, उनका यह नया पद भी उनके लिए एक चुनौती हो सकता है, खासकर जब उनकी विचारधारा और बयान वैश्विक राजनीति पर प्रभाव डाल सकते हैं।

डोनाल्ड ट्रम्प और तुलसी गबार्ड के सहयोग की दिशा

डोनाल्ड ट्रम्प ने तुलसी गबार्ड की नियुक्ति पर कहा कि वह इस पद के लिए एकदम उपयुक्त हैं और उनके नेतृत्व में अमेरिकी खुफिया विभाग को और मजबूत किया जाएगा। ट्रम्प ने यह भी कहा कि गबार्ड का अनुभव और दृष्टिकोण अमेरिका के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन साबित होगा।

गबार्ड का यह पद उनके राजनीतिक और सैन्य अनुभव का सारांश है। अब उनकी जिम्मेदारी अमेरिका के खुफिया नेटवर्क को सही दिशा में ले जाने की होगी, ताकि राष्ट्रीय सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सके और विभिन्न वैश्विक मुद्दों पर कूटनीतिक फैसले लिए जा सकें।

IPL 2025: प्लेऑफ से बाहर हुई टीम! राजस्थान रॉयल्स की हार के बाद कौन होंगे अगले सीजन से बाहर?
IPL 2025: प्लेऑफ से बाहर हुई टीम! राजस्थान रॉयल्स की हार के बाद कौन होंगे अगले सीजन से बाहर?

ट्रंप का वॉशिंगटन दौरा और राजनीतिक भविष्य

गबार्ड की नियुक्ति के बाद, डोनाल्ड ट्रम्प जनवरी में वॉशिंगटन वापस लौटेंगे और अपनी नई भूमिका में फिर से सक्रिय होंगे। 2024 में कमला हैरिस को हराने के बाद, ट्रम्प का यह वापसी और उनके समर्थकों का विश्वास गबार्ड की नियुक्ति को एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखता है। ट्रम्प का यह कहना है कि गबार्ड अपने नए पद में शानदार कार्य करेंगी और उनकी नीति के तहत अमेरिकी खुफिया विभाग को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया जाएगा।

तुलसी गबार्ड की राष्ट्रीय खुफिया निदेशक के रूप में नियुक्ति अमेरिकी राजनीति में एक महत्वपूर्ण घटना है। यह उनके सैन्य अनुभव, राजनीतिक यात्रा और अंतरराष्ट्रीय कूटनीति के दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए किया गया एक महत्वपूर्ण निर्णय है। अब देखने वाली बात यह होगी कि वे इस पद पर रहते हुए अमेरिकी खुफिया नेटवर्क को किस दिशा में ले जाती हैं और उनके फैसले वैश्विक राजनीति में किस प्रकार का प्रभाव डालते हैं।

गबार्ड का यह कदम न केवल उनके व्यक्तिगत राजनीतिक करियर को एक नया आयाम देता है, बल्कि यह अमेरिकी राजनीति और खुफिया तंत्र के लिए भी एक महत्वपूर्ण मोड़ हो सकता है।

Back to top button